⚡ *ऊर्जांचल न्यूज़* ⚡
अशफाक खान/अजय गुप्ता
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23/04/2020
ऊर्जांचल न्यूज़ (सिंगरौली) आज हम बात कर रहे हैं सिंगरौली जिले की जो मध्यप्रदेश में स्थित है। सिंगरौली में कोयले का भरपूर भंडार है। सिंगरौली को जिला बने 12 वर्ष होने वाला हैं। 24 मई 2008 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली को जिला बनाया था। उसके बाद से ही सिंगरौली में निजी स्वामित्व के कई ताप विद्युत परियोजनाएं स्थापित हुई थी।
एक तरफ जहां कई थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स के आने से सिंगरौली के विकास को गति मिल गई। तो दूसरी तरफ जिले का पर्यावरण बुरी तरह प्रदूषण के चपेट में आ गई। अब स्थिति यह है कि यहां की वायु के साथ-साथ पानी भी दूषित हो गई है।
सिंगरौली के पर्यावरण को प्रदूषित करने में एन.सी.एल., एन.टी.पी.सी., एस्सार, रिलायंस, जे.पी., हिंडाल्को इत्यादि जैसे थर्मल पावर कंपनियां शामिल है।
उपरोक्त सभी कंपनियों का राखड़ बांध जिले के किसी न किसी नदी या नाला के किनारे या फिर रिहंद जलाशय के पास स्थापित है। राखड़ बांध टूटने से जहरीला राख विभिन्न जल स्रोतों के माध्यम से होते हुए आखिरकार रिहंद जलाशय में पहुँच ही जाता है। एक सरकारी आंकड़े के अनुसार विभिन्न जिलों के लगभग 20 लाख लोग रिहंद जलाशय के जल का उपयोग करते हैं।
रिहंद डैम को जहरीला बनाने में एस्सार कंपनी का भी है हाथ।
अब बात करते हैं एस्सार पावर प्लांट कि एस्सार पावर प्लांट की राख बांध टूटने से कई घर तबाह हो गए थे तथा कई हेक्टेयर में लगी फसलें बर्बाद हो गई थी। जिसका राख युक्त पानी गर्रा-मयार नदी होते हुए रिहंद बांध में जाकर रिहंद जलाशय के पानी को दूषित कर दिया था।
रिहंद डैम को दूषित करने में रिलायंस भी नही है पीछे।
10 अप्रैल 2020 को रिलायंस पावर प्लांट का राखड़ बांध टूटने से कई पशुओं के साथ-साथ छः इंसानों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी थी। और राखड़ बांध का राख युक्त पानी रिहंद डैम में जाकर समा गई थी।
एन.टी.पी.सी. विंध्याचल का भी टूट चुका है राखड़ बांध।
एन.टी.पी.सी. विंध्याचल के राखड़ बांध किस तरह काल बन के रिहंद जलाशय को जहरीला बनाने में अपना योगदान दे रहा हैं, उससे संबंधित खबर अगले अंक में प्रकाशित करेंगे।
जय हिंद।